प्रकृति… एक ऐसी माँ जो कभी अपने बच्चों में कोई अंतर नहीं करती। सदियों से मनुष्य अदृश्य और परमशक्तिमान प्रकृति को विभिन्न रूपों में पूजता रहा है। वक़्त के साथ ही समाज का ढाँचा बदलता रहा और प्रकृति की वंदना देवी-देवताओं की स्तुति में बदल गई। इससे किसी को कोई […]