अभी दो दिन ही तो हुए थे… मन रही थी ख़ुशी उस रोज़, हैरां था मैं कि अभी दो दिन ही हुए थे। भूला नहीं था शाम को उस दिन, चीख़ों से गूंजा था गाँव, भूखे पेट भी थिरकते थे जो कल, अब न थिरकेंगे वो पाँव। कल गूँजी थी […]
अभी दो दिन ही तो हुए थे… मन रही थी ख़ुशी उस रोज़, हैरां था मैं कि अभी दो दिन ही हुए थे। भूला नहीं था शाम को उस दिन, चीख़ों से गूंजा था गाँव, भूखे पेट भी थिरकते थे जो कल, अब न थिरकेंगे वो पाँव। कल गूँजी थी […]