शराबी ग़ुस्से में था, सोच में था कि आख़िर वो अपनी ज़िंदगी के ऐसे मुक़ाम पर कैसे आ गया जहाँ से उसे सिर्फ़ मौत दिख रही है? शराबी को अपनी ज़िंदगी के शुरुवाती दिन याद आ रहे थे। उस याद आ रहा था कि प्रकृति ने मुझे भी हट्टा-कट्टा शरीर दिया था। तब लोगों को डरा कर रुपए ऐंठना कितना आसान था। सब अपने शरीर से ही कमाते हैं, मैं ने भी ऐसा ही किया। कुछ पैसा हाथ में आया तो एक लड़की के बाप ने रुपया-पैसा देख के अपनी लड़की मेरे हवाले कर दी। हाँ, उसी के बाद से मेरा बुरा वक़्त शुरु हो गया।
शराब के चलते शरीर बरबाद हुआ और फ़िर शराब के लिये मैं ने अपनी बीवी को धंधे पर लगा दिया। अब रात के वो मेरा बिस्तर गर्म करे या किसी और का, मुझे क्या मतलब? मुझे तो रुपये मिल ही रहे थे। और फ़िर अपने मर्द की बात मानना तो हर औरत का धर्म है। कुछ महीने सब अच्छा चलता रहा पर फ़िर वो साली पेट से हो गई। साला धंधा चौपट हुआ तो मैं ने उसे भीख़ मांगने भेज दिया। पता नहीं वो मेरे कहे काम को करने में आनाकानी क्यों करती थी। जब तक जी साली मार खाते-खाते जी और एक बच्चे को जन्म देकर मर गई।
उसके बाद मेरे हाथ में हरामी बच्चा था। मैं ने लड़के को लेकर भीख़ मांगना शुरु कर दिया। साला कितना आसान है भीख़ मांगना। कुछ नहीं करना पड़ता। बस बच्चा दिखा दो, सब अपने आप भीख़ देते हैं। ये सब देख के मेरा दिमाग़ घूमा। मैं ने सूअर की तरह यहाँ-वहाँ घूमते बच्चों को उठा के काम पर लगा दिया। धंधा चोखा था। पैसा आया और मैं ने एक और शादी कर ली। फ़िर क्या था। हर साल एक बच्चा पैदा किया और उसे भीख मांगने में लगा दिया।
उन में से एक बच्चा था जो बड़ा ज्ञानी बना फिरता था। मेरा धंधा बंद कराने चला था। साले को इतनी चाबुक मारी की मर गया। उसके बाद से मेरी ज़िंदगी अच्छी चल रही थी तो ये कैसे हो गया? शराबी को ये सब सोच के और झल्लाहट महसूस हुई और उसने बच्चे को और बेरहमी से मारना शुरु कर दिया।
‘एक तो साला भीख नहीं माँगता, ऊपर से मेरा रुपया चुरा के बैठा है,’ शराबी ने ऐसा कह कर लड़के को कान के बल ऊँचा उठा दिया। उस लड़के को अपने शराबी बाप के मुँह से आती बदबू महसूस हो रही थी जिसे वो अपनी साँस रोक कर सह रहा था। ‘बता साले, वरना तुझे यहीं जमीन में ज़िंदा गाड़ दूंगा। बता मेरा रुपया कहाँ है?’ शराबी ने धमकाते हुए पूछा।
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