ये पोस्ट किसी मोदी-मोदी करने वाले को तो मत ही पढ़ाइयेगा 😂
shivandana
आजा आजा, देख यहाँ कैसा किसका हाल है…
LYRICS AVAILABLE FOR LICENCE TO RAPPERS… Disclaimer:- पेज़ के अंत पर है। पहले कविता तो पढ़ लो। वैसे भी शेक्सपियर ने कहा हैः- “डिस्क्लेमर में क्या रखा है? BC” आजा आजा, देख यहाँ कैसा किसका हाल है, सबकी आँखें बंद, ये सब सत्ता का कमाल है। मुँह में बाँधी पट्टी […]
अभी दो ही दिन तो बीतें थे…
अभी दो दिन ही तो हुए थे… मन रही थी ख़ुशी उस रोज़, हैरां था मैं कि अभी दो दिन ही हुए थे। भूला नहीं था शाम को उस दिन, चीख़ों से गूंजा था गाँव, भूखे पेट भी थिरकते थे जो कल, अब न थिरकेंगे वो पाँव। कल गूँजी थी […]
ये कहाँ आ गये हम?
आज जब मैं Facebook को खोल के देखा तो मुझे पता चला कि हम कितने आगे बढ़ गये हैं। चुनाव भले ख़त्म हो चुके हों पर भगवा आई0टी0 सेल नहीं। अब वैसे आई0टी0 सेल की ज़रूरत ही नहीं है। अब उनका यह काम देश के वह युवक युवतियाँ करेंगे जिनमें […]
दिल ही तो है…
आज का पोस्ट कोई कहानी नहीं। आज मुझे ग़ालिब की महान शायरी को आपके सामने पेश करते हुए ख़ुशी महसूस हो रहा है। ग़ालिब ताउम्र फ़क़ीरों की तरह जिये और फ़क़ीर की तरह ही अलविदा कह गए। आज उनकी इस शायरी को पढ़ कर हम ग़ालिब की बेफ़िक्री और मस्तमौला […]
वो काली रात… (Last Episode)
वो काली रात-1, वो काली रात-2, वो काली रात-3, वो काली रात-4 मैं यक़ीन नहीं कर पा रहा था उस सीसे पर। उस सीसे में पुतला ही था। कपड़े का बना पुतला ही था सीसे में। “ये कैसे हो सकता है?”—मैं ने पूछा। मुझे अब भी लग रहा था कि […]
वो काली रात… (Episode 4)
अंत क़रीब था… पर रहस्य ने उसे और रोमांचक कर दिया। बहुत दिलचस्प होने वाली है ये कहानी।
वो काली रात… (episode 3)
और वो काली रात और डरावनी हो गई। कर कुछ तो राज़ था इस डरावनी रात मे…
वो काली रात… (Episode-2)
(continued…) उस घुप्प अंधेरे कमरे में बंद मैं सिया के बारे में सोच रहा था… याद कर रहा था उस दिन को जब मुझे होश आया था। वो सिया ने मुझे बनाया था। वही थी जिसने मुझ में जान फूँकी। मैं नहीं जानता कि ऐसा उसने जान-बूझ कर किया या […]