अंधभक्ति वाला “सरकारी” केसरी चूरन (Satire)

Warning and Disclaimer: This article injuries to your Andhbhakti. Kindly, use your discretion. The writer takes no responsibility for your “emotional” hurt. In short, HGNF (He gives no फk).


प्रोडक्ट: अंधभक्ति वाला “सरकारी” केसरी चूरन

तत्व संरचना: हिंदुत्व की भाँग (१०%), मुसलमान से नफ़रत का बुरादा (४%), दलित से नफ़रत की कतरन (२०%), मूर्खता की भस्म (३०%), क़ानून की पट्टी (न्यू एण्ड इम्प्रूव्ड (१०%), प्रोगेंडा की चाशनी (२०%), अंधभक्ति की अफ़ीम (६%), अज्ञानता का सॉस (१०%) अन्य सीक्रेट नाज़ी-फाँसी पेटेंटेड सामग्री।

हर “जियो” या मरो फोन, टी०वी०, “संस्कारी” संगठन पर उपलब्ध।

परहेज़: बुद्धि, एनटीवी, द वायर, रवीश कुमार, पुण्य प्रसून वायपेई, अभिसार शर्मा, लिबरल लिट्रेचर, नोन-भक्त दोस्त, विज्ञान, ज्ञान, इतिहास व अन्य।

खुद भी खाए और अपने बच्चों को भी खिलाए। बूढ़े अवश्य लें। दंगे करवाने की रामबाष औषधी।

साथ लेना न भूलें देशभक्ति का चश्मा। ये आपको जानकारी की हानिकारक किरणों से बचाएगा। जानकारी जैसे:-

  1. मोटर-इंडस्ट्री क्रैश हो चुकी है।
  2. जनसंख्या वृद्धि रुकी हुई है। देश का औसत 2 पर है। पर भाजपा जनसंख्या पर प्रोपेगेंडा चला रही है ताकि मुसलमानों और ग़रीबों को दैत्य बताया जा सके। जबकि सच्चाई यह है कि यहाँ पर शिक्षा होती है जनसंख्या वृद्धि अपने आप रुकती है।
  3. पुलवामा में हमले से पहले जवानों ने हवाई जहाज़ से उन्हें ले जाने को कहा था। पर केंद्र ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया। उन हमले में मारे गये जवान अलग अलग बटैलियन और राज्यों से थे। इसका झुट्ठा प्रसाद ड्रामचंद्र जुमलावीर ने चुनाव में खूब फ़ायदा उठाया।
  4. जम्मू-कश्मीर से ३७० (370) ख़त्म करने के लिये दिया एक तर्क भी सच नहीं था। जम्मू-कश्मीर तरक़्क़ी कर रहा था जिसे पिछड़ा बता कर विशेष अधिकार ख़त्म कर दिये। इसके बाद क्या होने वाला है इसका अंदाज़ा आप “माननीय” श्री श्री ४२० तड़ीपार शाह जी के दो बयानों से लगा सकते है जिसमें वो पूरे देश पर विवादित और महँगी NRC लाकर मन माफ़िक लोगों को अवैध प्रवासी घोषित करके देश से बाहर करने की बात करते हैं और फिर ये भी कहते हैं कि NRC से बाहर हिंदू, ईसाई, बौद्ध, जैन या अन्य लोगों को बाहर नहीं किया जाएगा। इस पर किसी पत्रकार ने हिम्मत भी नहीं की कि महाशय के मुँह से मुसलमान शब्द कहलवा देता। (मुस्लिम जो देश का १४ (14) प्रतिशत है उसका नाम महाशय ऐसे नहीं लेते जैसे जादूगर Voldemort का नहीं लेते थे।)
  5. भाजपा पार्टी के कूटरचित नोटबंदी के फ़ैसले के बाद छोटे उद्योगों के बाद अब बड़े उद्योगों पर मंदी का ताला लगने लगा है जिससे लाखों बेरोज़गार हो चुके हैं और लाखों और बेरोज़गार होंगे।
  6. शिक्षा को तो जो बंटाधार किया है उससे कम से कम दस पीढ़ी बरबाद होंगी। गरीब के बच्चों के पढ़ने के सभी रास्ते बंद। सरकारी कालेजों की फ़ीस में वृद्धि १०० (100) से १००० (1000) प्रतिशत तक।
  7. जो सरकारी उद्योग २०१३ (2013) तक फल फूल रहे थे उनको कमल के फूल ने आपको फूल बना के लाखों करोड़ों में बेच देना का पूरा प्लान कर लिया है। पेट्रोल कम्पनी को मनमाफ़िक बेचने का लिये क़ानूनी संसोधन २०१६ में ही हो गया था। और आपको पता भी न चला।
  8. देश के सारे उद्योग घंघों को अडानी और अंबानी ग्रुप को देने की तैयारी है। एयरपोर्ट, बीएसएनएल, सड़क, खेत सब अड़ानी और अंबानी जैसे उद्योगपति के हाथों में।
  9. निवेश घटा है। मतलब २०१३ (2013) में कहा हर शब्द जुमला था।
  10. किसी को भी मन चाहे ढंग से आतंकी घोषित करने का सरकार ने क़ानूनी लाइसेंस ले लिया है।
  11. मीडिया को मनचाहा पैसा देकर ख़रीदा जा चुका है।

तो आज ही लेकर आए अंघभक्ति का “सरकारी” केसरी चूरन।

स्टाक ईवीएम और हिंदुत्व के ज़िंदा रहने तक सीमित।


चूरन में पड़ी अन्य सामग्री जो ऊपर की लिस्ट में छूट गई हो उसे कमेंट में लिख के बता दें।

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