आज़ादी से अब तक बलात्कारियों और हत्यारों के बलात्कार और हत्या के पीछे दिये गये कथित तर्कों की एक सूची (ये सभी तर्क दोषी करार दिये गये बलात्कारियों के बयानों से लिये गये हैं| ब्यान आज़ादी से अब तक चले लगभग 10,000 मुकदमों से लिये गये हैं|) :-
- “…वो बहुत मस्तानी चाल चलती थी|”
- “…वो सबसे आँखें मिला कर बातों करती थी|”
- “…मैं ने उसे रात को मिलने को कहा तो उसने मना कर दिया था|”
- “…वो सबसे बहुत हँस-हँस के बातें करती थी|”
- “…मैं ने उस से शादी के लिये पूछा तो उस ने मना कर दिया|”
- “…मेरा बहुत मन कर रहा था और वो खेत की ओर जाती दिख गयी|”
- “…वो रात के नौ बजे घर से बाहर क्या कर रही थी?”
- “…उस ने मुझे उस से बात ना करने को कहा|”
- “…वो घर पर अकेली थी और नहा रही थी|” (वो बच्ची पाँच साल की थी)
- “…वो मेरे बताये लड़के से शादी करने से मना कर रही थी|” (पाड़िता इसकी अपनी बेटी थी)
- “…तो क्या हुआ जो मैं ने ऐसा किया, ये तो मेरा हक है|”
- “…वो कंट्रोल से बाहर जा रही थी|” (पीड़िता इस की छोटी बहन थी)
- “…वो बिना बुरके के घर से बाहर कैसे आई? ये मेरे मजहब के ख़िलाफ़ है|”
- “…वो आतंकवादी थी|”
- “…वो डायन थी|”
- “…वो ग़ैर जात वाले के साथ शादी करना चाहती थी|” (आदमी पीड़ता का ताऊ था)
- “…वो बाहरी गाँव के लड़के से प्यार करती थी और शादी करना चाहती थी|”
- “…उस ने अपने ही गाँव के लड़के से शादी कर ली थी|”
- “…वो बुज़ुर्गों की बात नहीं मानती थी|”
- “…वो मोबाइल पर बहुत ज़्यादा बात करती थी|”
- “…वो बाहर नौकरी करती थी|”
- “…वो बच्चा पैदा नहीं करना चाहती थी|”
- “…उसका घूँघट सिर पर से सरका था| गाँव में हमारी नाक कट गई थी|”
- “…वो बहुत मेकअप करके, सज-धज के घूमती थी|”
- “…मैं ने उस से शादी की थी|”
- “…वो और पढ़ना चाहती थी|”
- “…उस को काबू में करने के लिये ऐसा करना ज़रूरी था|”
- “…जो औरत अपनी मर्जी से लड़का चुने उसके साथ यही होना चाहिये|”
- “…बहुत आधुनिक बन रही थी|”
- “…बात-बात पर बहस करती थी|”
- “…कुछ भी पूछने पर ज़वाब नहीं देती थी|”
- “…उस ने मुझ से कन्यादार का अधिकार छीन लिया|”
- “…कहती थी 18 के पहले शादी नहीं करेगी|”
- “…पड़ोस के लड़के से बहुत बातें करती थी|”
- “…जीजा मज़ाक करता था तो उसे मना करती थी|”
- “…जींस पहनती थी|”
- “…टाइट कपड़े पहनती थी|”
- “…बिना बाँह वाला कपड़ा पहना था|”
- “…उस ने दुपट्टा नहीं ओढ़ा था|”
- “…ग़ैर बिरादरी के लड़के से शादी की थी|”
- “…अपने ही गौत्र के लड़के से प्यार किया था|”
- “…मेरे भाई के लड़के से शादी करना चाहती थी|”
- “…प्रेग्नेंट थी|”
- “…हम संत हैं|”
- “…हम धर्मगुरु हैं|”
- “…हम भगवान हैं|”
- “…पता है मेरा बाप कौन है? हम गाँव राजा के लड़के हैं|”
- “…उस ने मेरी लड़की को छेड़ा था तो मैं ने उस की बहन से रेप कर बदला ले लिया, क्या ये शरीया क़ानून नहीं?”
- “…नीची जात वाला मेरी बेटी को भगा ले गया था|”
- “…पूजा-पाठ नहीं करती थी|”
- “…बाबा जी ने कहा था कि ऐसे ही उस का इलाज हो सकता है|”
- “…हमेशा पूजा में लगी रहती थी|”
- “…मुझे औरतों से नफ़रत है|”
- “…ये तो मर्दानगी का जोश है|”
- “…मैं ने पहले भी रेप किया था तो जज साहब ने हँस कर छोड़ दिया था|”
- “…हम क्षत्रिय हैं|” (एक मामला पाँच साल पुराना था और एक 70 साल पुराना, पर तर्क एक सा था)
- “…हम ब्राम्हण हैं|”
- “…मुझे रिज़र्वेशन वालों से नफ़रत है|”
- “…तुम्हें पता है मेरा बाप कौन है?” (मामला 60 साल पुराना है| केस 31 साल तक चला था और फ़िर अपराधी को उम्र देख कर एक साल की सज़ा सुनाई गई थी)
- “…छोटे कपड़े पहने थे उसने|”
और दोस्तों सबसे ज़्यादा ध्यान देने वाली बात, दोषियों को पाँच साल से सजा नहीं सुनाई गई और सजा साल साल से कम की थी, और इन में सबसे कम सजा 1000 रुपये का जुर्माना था जिस की सजा बढ़ने की अपील पर हाई कोर्ट का फ़ैसला दोषी के मरने के बाद आया और तब भी सजा तीन साल का साधारण कारावास था| तो अगली बार ऐसी ख़बर सुनने पर सोचना कि बलात्कार का कारण बलात्कारियों के तर्क हैं या ख़ुद बलात्कारी।